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Showing posts from June, 2021

मेरी कुर्सी कहाँ है?

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न्यायालय में उस दिन वकीलों की बड़ी संख्या में भीड़ जमा थी वह देखना चाहते थे कि एक अछूत वकील जज के सामने कैसे बहस करेगा   बाबा साहब अपना केस लेकर जज के सामने हाजिर होते हैं वह देखते हैं सभी वकील अपनी अपनी कुर्सी पर  बैठे हैं लेकिन उनके लिए कुर्सी खाली नहीं थी  तब उन्होंने जज से पहला सवाल किया कि,may sit on the chair , क्या मैं कुर्सी पर बैठ सकता हूं  तो जज ने कहा ,no you have  no right to sit on the chair, आप कुर्सी पर बैठने का अधिकार नहीं रखते हैं , उस समय तक अछूतों वह पिछड़ों शूद्रों को कोई अधिकार नहीं था  तब बाबा सामने सवाल किया कि,may I sit on the earth  it is my right , क्या मैं जमीन पर बैठ सकता हूं यह मेरा अधिकार है तब जज ने कहा आप जमीन पर बैठने का अधिकार रखते हैं यह तुम्हारी है तब बाबा साहब ने कहा कि मेरी जमीन पर से आप अपनी कुर्सी हटा लीजिए  तब वकीलों ने तथा जज ने बाबा साहब को कुर्सी डलवाई तथा माफी भी मांगी  इसी तरह से अपनी पहली लड़ाई कुर्सी की बाबा साहब ने जीती , इसके बाद उन्होंने इस केस की ऐसी पैरवी की अपने क्लाइंटो को निर्दोष सा...

Scheduled castes in India

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scheduled castes in India 🙏 *अनुसूचित जाति के लोग हिंदु  नहीं कहलाए जा सकते*  *अनुसूचित_जाति" का अर्थ ?* जाति का मतलब तो सबको  पता है। परन्तु  *अनुसूचित* का  मतलब  सभी को शायद पता नही है ? इस के लिये आगे पढ़िए...  सन् 1931  में उस समय के जनगणना आयुक्त (मी. जे. एच. हटन) ने पहली संपूर्ण भारत की  अस्पृश्य_ जातियों  की जन गणना करवाई  और बताया कि ‘भारत में 1108 अस्पृश्य जातियांँ है । और वें सभी जातियांँ   हिन्दू धर्म के  *बाहर*  हैं।   इसलिए, इन जातियों को    *"बहिष्कृत जाति"* कहा गया है।   उस समय के   "प्रधानमंत्री  *"रैम्से मैक्डोनाल्ड"* ने देखा कि हिन्दू, मुसलमान, सिख, एंग्लो इंडियन की तरह  *'बहिष्कृत जातियांँ'* भी  एक *स्वतंत्र वर्ग* है । और इन सभी जातियों का  हिन्दू धर्म में समाविष्ट नही है। इसलिए, उनकी "एक "सूची"  तैयार की गयी।  उस *"सूची"* में समाविष्ट  समस्त जातियों' को ही *‘अनुसूचित जाति’* कहा जाता है। इसी के आधार पर भारत सरकार द्वारा ‘अनुस...