मेरी कुर्सी कहाँ है?
न्यायालय में उस दिन वकीलों की बड़ी संख्या में भीड़ जमा थी वह देखना चाहते थे कि एक अछूत वकील जज के सामने कैसे बहस करेगा
बाबा साहब अपना केस लेकर जज के सामने हाजिर होते हैं वह देखते हैं सभी वकील अपनी अपनी कुर्सी पर
बैठे हैं लेकिन उनके लिए कुर्सी खाली नहीं थी
तब उन्होंने जज से पहला सवाल किया कि,may sit on the chair , क्या मैं कुर्सी पर बैठ सकता हूं
तो जज ने कहा ,no you have no right to sit on the chair, आप कुर्सी पर बैठने का अधिकार नहीं रखते हैं , उस समय तक अछूतों वह पिछड़ों शूद्रों को कोई अधिकार नहीं था
तब बाबा सामने सवाल किया कि,may I sit on the earth it is my right , क्या मैं जमीन पर बैठ सकता हूं यह मेरा अधिकार है
तब जज ने कहा आप जमीन पर बैठने का अधिकार रखते हैं यह तुम्हारी है
तब बाबा साहब ने कहा कि मेरी जमीन पर से आप अपनी कुर्सी हटा लीजिए
तब वकीलों ने तथा जज ने बाबा साहब को कुर्सी डलवाई तथा माफी भी मांगी
इसी तरह से अपनी पहली लड़ाई कुर्सी की बाबा साहब ने जीती , इसके बाद उन्होंने इस केस की ऐसी पैरवी की अपने क्लाइंटो को निर्दोष साबित करते हुए न्यायालय से बरी भी करवाया
बाबा साहब जैसा वकील अभी तक पूरे विश्व में पैदा नहीं हुआ है और ना ही कभी होगा
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